कुमार रोहित

यदि हम अपनी अपेक्षाओं पर नियंत्रण पा ले । किसी और के सुख की तुलना अपने सुख से ना करे । तो हम किसी भी परिस्थिति मे सुखी रह सकते हे । संसार मे सबसे शक्तिशाली अस्त्र हे प्रेम-धैर्य-करुणा-क्षमा । किन्तु ये आजका ही सत्य नही ये सत्य शाश्वत हे ॥ मम परं मित्र रोहित जी । त्वंसि मे हृदयं द्वितीयं॥