कुमार अशोक
क्या संसार मे कोई भी शब्द निरर्थक हे । क्या कोई ऐसी जड़ी-बूटी हे जो रोग का निवारण ना करे । नही ..! ठीक इसी प्रकार इस संसार मे कुछ भी अयोग्य या निरर्थक नही होता।हर का प्राणी हर एक वस्तु हर एक घटना का एक महत्व होता हे । एक आवश्यकता होती हे ।परन्तु बड़ा वो निरिक्षक होता हे जो उन्हे पहचानता हे । जैसे कि एक ज्ञानी शब्दो की शक्ति को पहचानता हे । जैसे कि एक वैद्य किसी बूटी मे छिपे उसके गुणों को पहचानता हे । जैसे कि एक जौहरी कोयले मे छिपे हीरे को पहचानता हे । इन सब बातों का सत्व ये हे कि यदि आपको श्रेष्ठ होना हे तो कमियां देखना छोड़ीये और गुण और विशेषताये देखिये । आपका जीवन सफल और सरल हो जाएगा ।
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